राजस्थान में 2000 से अधिक महात्मा गांधी अंग्रेजी मीडियम स्कूलों का भविष्य अनिश्चित, हिंदी मीडियम में बदलाव की संभावना!
जयपुर, 3 मई 2024: राजस्थान में 2000 से अधिक महात्मा गांधी अंग्रेजी मीडियम स्कूलों के भविष्य पर सवालिया निशान लग गया है। शिक्षा विभाग ने इन स्कूलों को हिंदी मीडियम में बदलने की संभावना पर विचार-विमर्श शुरू कर दिया है।
इस प्रस्ताव के तहत, शिक्षा विभाग ने जिला स्तरीय अधिकारियों से इन अंग्रेजी मीडियम स्कूलों की मौजूदा स्थिति, शिक्षकों की संख्या, छात्रों की संख्या और उन्हें हिंदी मीडियम में बदलने की सिफारिश मांगी है। विभाग इन रिपोर्टों के आधार पर इन स्कूलों के भविष्य का फैसला करेगा।
शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि “राजस्थान में महात्मा गांधी अंग्रेजी मीडियम स्कूलों की आवश्यकता पर सरकार द्वारा समीक्षा की जा रही है। इन स्कूलों के संचालन या बंद करने का फैसला समीक्षा के बाद ही लिया जाएगा।” उन्होंने यह भी कहा कि “इस समीक्षा के दौरान यह भी देखा जाएगा कि क्या ये स्कूल केंद्र सरकार की नई शिक्षा नीति के अनुरूप हैं या नहीं।”
यह प्रस्ताव कई सवाल खड़े करता है। क्या सभी 2000 से अधिक स्कूलों को हिंदी मीडियम में बदला जाएगा? क्या यह बदलाव शिक्षा की गुणवत्ता को प्रभावित करेगा? क्या अभिभावकों और छात्रों को यह बदलाव स्वीकार होगा?
इन सवालों के जवाब अभी तक नहीं मिले हैं। शिक्षा विभाग द्वारा जिला स्तरीय अधिकारियों से रिपोर्ट मिलने के बाद ही इन स्कूलों के भविष्य का फैसला स्पष्ट होगा।
राजस्थान में 2070 से अधिक महात्मा गांधी अंग्रेजी मीडियम स्कूलों के भविष्य पर अनिश्चितता का मंडरा रहा है। पूर्ववर्ती गहलोत सरकार द्वारा शुरू किए गए इन स्कूलों को अब शिक्षा विभाग द्वारा हिंदी मीडियम में बदलने की संभावना है।
अंग्रेजी मीडियम से हिंदी मीडियम की ओर:
- 2070 सरकारी स्कूलों को अंग्रेजी मीडियम में अपग्रेड कर महात्मा गांधी अंग्रेजी मीडियम स्कूलों में बदला गया था।
- गरीब परिवारों के छात्रों को दाखिले की निर्धारित प्रक्रिया के माध्यम से इन स्कूलों में शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिला।
- लेकिन, सरकार बदलने के बाद शिक्षा विभाग इन स्कूलों को हिंदी मीडियम में बदलने की योजना बना रहा है।
शिक्षा मंत्री का रिव्यू:
- शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने इन स्कूलों की समीक्षा का आदेश दिया है।
- विभाग ने सभी संभागीय और उपखंड स्तरीय अधिकारियों से इन स्कूलों के संचालन पर रिपोर्ट मांगी है।
- इन रिपोर्टों के आधार पर विभाग इन स्कूलों के भविष्य का फैसला करेगा।
अनिश्चितता और सवाल:
- इस बदलाव के पीछे विभाग के क्या तर्क हैं, यह अभी स्पष्ट नहीं है।
- क्या सभी 2070 स्कूलों को हिंदी मीडियम में बदला जाएगा या कुछ को अंग्रेजी मीडियम में जारी रखा जाएगा?
- क्या यह बदलाव शिक्षा की गुणवत्ता को प्रभावित करेगा?
- अभिभावकों और छात्रों की प्रतिक्रिया क्या होगी?
इन सवालों के जवाब अभी तक नहीं मिले हैं। शिक्षा विभाग द्वारा रिपोर्ट मिलने के बाद ही इन स्कूलों के भविष्य का फैसला स्पष्ट होगा। यह बदलाव निश्चित रूप से राजस्थान में शिक्षा के क्षेत्र में बड़े बदलावों का संकेत देता है।